देश जगे देश जगे मंत्र ,सब गूंजा रहे है |
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||ध्रु ||
जिसकी चिंगारी ह्रदय में प्रेरणा सहस जगा दे
और तन मन का सहजतम मोह बी बरम सब जला दे
उस अनोखी आग को सौ यघ कर सुलगा रहे है ||१||
पथ कधीं हो या सरल हो चलने के सामान मांगे
चिर्विजय की कमाना हर स्वस्थ्य मन अपना रहे है||२||
सकती संचय से विकल जब दीनता का सहज ले हो
मातृसेवा जब देश का प्रतेक्जन हो
वे सुहाने सुखद पल प्रतिपल निकटम आ रहे है ||३||
देश जगे देश जगे मंत्र ,सब गूंजा रहे है |
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||ध्रु ||
जिसकी चिंगारी ह्रदय में प्रेरणा सहस जगा दे
और तन मन का सहजतम मोह भय भ्रम सब जला दे
उस अनोखी आग को सौ यघ कर सुलगा रहे है
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||१||
पथ कठिन हो या सरल हो चलने के सामान मांगे
तेज तूल बलिदान पुलकित देश का सम्मान मांगे
चिरविजय की कमाना हर स्वस्थ्य मन अपना रहे है
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है||२||
शक्ति संचय से विकल जब दीनता का सहज लय हो
मातृसेवा में निहित जब देश का प्रतेक जन हो
वे सुहाने सुखद पल प्रतिपल निकटम आ रहे है
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||३||
देश जगे देश जगे मंत्र ,सब गूंजा रहे है |
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||ध्रु ||
जिसकी चिंगारी ह्रदय में प्रेरणा सहस जगा दे
और तन मन का सहजतम मोह बी बरम सब जला दे
उस अनोखी आग को सौ यघ कर सुलगा रहे है ||१||
पथ कधीं हो या सरल हो चलने के सामान मांगे
चिर्विजय की कमाना हर स्वस्थ्य मन अपना रहे है||२||
सकती संचय से विकल जब दीनता का सहज ले हो
मातृसेवा जब देश का प्रतेक्जन हो
वे सुहाने सुखद पल प्रतिपल निकटम आ रहे है ||३||
ABVP | May 2 2010 - 10:25
देश जगे देश जगे मंत्र ,सब गूंजा रहे है |
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||ध्रु ||
जिसकी चिंगारी ह्रदय में प्रेरणा सहस जगा दे
और तन मन का सहजतम मोह भय भ्रम सब जला दे
उस अनोखी आग को सौ यघ कर सुलगा रहे है
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||१||
पथ कठिन हो या सरल हो चलने के सामान मांगे
तेज तूल बलिदान पुलकित देश का सम्मान मांगे
चिरविजय की कमाना हर स्वस्थ्य मन अपना रहे है
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है||२||
शक्ति संचय से विकल जब दीनता का सहज लय हो
मातृसेवा में निहित जब देश का प्रतेक जन हो
वे सुहाने सुखद पल प्रतिपल निकटम आ रहे है
मातृमंदिर के पुजारी ,एक स्वर में गा रहे है ||३||
ABVP Navi Mumbai | May 2 2010 - 10:31
Abvp jindabad
Jindabad jindabad
daljeet khattar | Dec 25 2015 - 01:42
My child is going to sing this song for the patriotic competion, she want to casio notation for this song too.
Anonymous | Aug 8 2012 - 09:38
Bahut achcha geet hai.
dev nath | May 4 2014 - 03:40
Casio notes for this song please
Song is desh jaage desh jaage mantra
tra
Anonymous | Jul 13 2017 - 10:20
Can you place the Casio notation for this song? pl hurry
Anonymous | Aug 8 2012 - 09:40
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